गौतम बुद्ध

अपने दीपक स्वयं बनो


"किसी बात को सिर्फ इसलिए मत मानो की ऐसा सदियों से होता आया है,परम्परा है, या सुनने में आई है। इसलिए मत मानो की किसी धर्मगुरु, आचार्य, साधु-संत, ज्योतिषी की बात को आँख मूँद कर मत मान लेना । किसी बात को सिर्फ बात को सिर्फ इसलिए भी मत मान लेना कि वह तुमसे कोई बड़ा या आदरणीय व्यक्ति कह रहा है बल्कि हर बात को पहले बुद्धि, तर्क, विवेक,चिन्तन व अनुभूति की कसौटी पर तोलना, कसना, परखना और यदि वह बात स्वयं के लिए, समाज व सम्पूर्ण मानव जगत के कल्याण के हित लगे, तो ही मानना।"

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